Wednesday, March 10, 2010

आज तक इस नई तकनीक से अपरिचित रहा किन्तु अभी भी ज्यादा देर नही हुई .ब्लॉग की दुनिया में प्रवेश के लिए भाई दुलाराम सहारण को हृदय से

धन्यवाद् देना चाहता हूँ ।
विश्वनाथ भाटी;तारानगर,चुरू राजस्थान

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जिन्दगी चीज़ क्या है ,कब समझ में आता है

जिन्दगी के अलावा सब समझ में आता है ।

बीत जाती है जिन्दगी जब क्षण -क्षण बनकर ,

जिन्दगी चीज़ क्या है ,तब समझ में आता है ।
विश्वनाथ भाटी,तारानगर [चुरू]